लेखनी कहानी प्रतियोगिता -03-Nov-2022 बोनस
लघु कथा -बोनस
विषय-स्वैच्छिक
एक मध्यवर्गीय परिवार था। उस परिवार में किशोर नाम का व्यक्ति रहता था । किशोर एक मजदूर था। किशोर के परिवार में दो बच्चे , उसकी पत्नी और माता पिता साथ में रहते थे।
वो अपना पेट भी मुश्किल से भर पाते थे।
त्योहार आने वाले थे। इसी विचार से चिंतित रहता था कि दिवाली का त्यौहार आने वाला है सेठ बोनस देगा उससे मैं मिठाईयां, पटाखे ,नए नए कपड़े परिवार के लिए खरीदुगा। उसने अपने मन में नए-नए सपने सजाए। बच्चों के लिए दिवाली में धूमधाम से मना लूंगा यही सोचकर वह सेठ के घर गया। सेठ के घर काम खत्म करने के बाद सेठ से कहता है मैं घर जाता हूं।
सेठ किशोर से कहता है जरा रुको!
किशोर वहीं खड़ा रहता है और सेठ का इंतजार करता है।
लेकिन सेठ किशोर को बोनस की जगह एक मिठाई का डिब्बा और उपहार हाथ में थमा देता है। यह देख कर किशोर उदास हो जाता है बोनस का विचार था मन में उसके सपने टूट जाते हैं। और सोचता है मैं दीवाली बच्चों के साथ कैसे मनाऊं। मेरे पास तो इतने पैसे ही नहीं है कि नए नए नए कपड़े खरीद सकूं।
(चिंतित स्वर में)
किशोर की आंखों में पानी आ जाता है। दिवाली का त्यौहार आ गया था किशोर की आंखों में पानी देखकर बच्चे कहते हैं पापा आप चिंता नहीं करो हमारे पास पहले के कपड़े रखे हैं हम वही पहन लेंगे। सभी मिलकर लक्ष्मी मां का पूजन करने लगते हैं ।
किशोर बच्चों के लिए कुछ पटाखे लाता है और बच्चों को देता है। जैसे ही बच्चे पटाखे चलाते हैं उसमें से दिव्या रोशनी प्रकट होकर उन से वरदान मांगने को कहती है। और उन्हें सोने के सिक्के प्राप्त होते हैं। जिससे किशोर का खुशियों का ठिकाना नहीं रहा सभी में प्रसंता का भाव हो उठा। और किशोर अमीर हो गया । सभी ने मिलकर दिवाली धूमधाम से मनाई।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
कहानी प्रतियोगिता के लिए
Palak chopra
06-Nov-2022 01:21 AM
Shandar 🌸🙏
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Mithi . S
05-Nov-2022 03:32 PM
Bahut achhi rachana
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shweta soni
05-Nov-2022 02:16 PM
बहुत सुंदर 👌
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